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“Friends please settle down, I’ll get more emotional! It’s hard to believe my wonderful journey is coming to an end. I’ve a list of names to thank. The first is my father, who passed away in 1999. Without his guidance I wouldn’t be standing in front of you. he said ‘chase your dreams, don’t give up, the path will be difficult.’ I miss him today. My mom, I don’t know how she managed a naughty child like me. She just prayed and prayed from the day I started playing the game.
For four years I stayed with my uncle and aunt when in school, they treated me like their own son. My eldest brother Nitin doesn’t like to talk ,much but he said, whatever you do, I know you will give 100%. My first cricket bat was presented to me by my sister Savita. She still continues to fast while I bat. Ajit my brother – We have lived this dream together, he sacrificed his career for me, he took me to Achrekar sir first. Even last night he called me to discuss my dismissal. Even when I’m not playing we will still be discussing technique. If that hadn’t happened, I would have been a lesser cricketer.
“The most beautiful thing happened to me when I met Anjali in 1990. I know that being a doctor there was a big career in front of her. But she decides that I should continue playing and she took care of the children. Thanks for bearing with me for all the nonsense I’ve said (Anjali wipes tears). Then the two precious diamonds of my life Sara and Arjun. I’ve missed out on several birthdays, holidays. I know for 14-16 years I’ve not spent enough time with you. But I promise you I will spend the next 16.
“My In-laws – I’ve discussed several things with them. The most important thing they did was allow me to marry Anjali. In the last 24 years my friends have made terrific contributions. They have been with me while I was stressed. They have been with me even at 3am when I was injured. Thanks for being there for me.
“My career started when I was 11. I was extremely delighted to see Achrekar sir in the stands. I used to ride on his scooter and play two matches a day. Sir took me along to make sure I played. On a lighter note, Sir never said ‘well played’ because he didn’t want me to be complacent. You can push your luck now, Sir, since I’m not playing cricker anymore.
“I started my career here in Mumbai. I remember landing from NZ at 4am and playing a Ranji game the next day. The BCCI was fantastic from my debut. Thanks to the selectors. You were right with me making sure my treatment was taken care of.
“Thanks to all the senior cricketers who have played with me. We see on the screen Rahul, VVS, Sourav, Anil who is not here. All the coaches. I know when MS presented the 200th Test cap, I had a message to the team – I said we are all so proud to be representing the nation. I hope to continue to serve the nation with dignity. I have full faith that you will serve the country in the right spirit.
I will be failing in my duty if I didn’t thank the doctors who have kept me fit. Given the injuries I have suffered. They have treated me in odd hours.
My dear friend the late Mark Mascarenhas. I miss him. My current management team WSG, for continuing what Mark has done. Someone who has worked closely with me for 14 years is my friend Vinay Nayudu.
“The media has backed me a lot, since my school days. Even today. Thank you. Thanks to the photographers for capturing those moments.
“I know my speech has become long. I want to thank people who have flown in from different parts of the world. I want to thank my fans from the bottom of my heart. “Sachin, Sachin” will reverberate in my years till I stop breathing.” (Followed by loud cheers).
The crowd wants more. Sachin has handed back the mic. We haven’t seen the last of him here surely. Sudhir Kumar Gautam, by far his biggest fan, waves the tri-colour. Sachin may not have mentioned his name, but he holds a special place in his heart, you can be sure.
Sachin gets together for a huddle with his family. I’m sure he is preparing for a lap of honour around Wankhede.
And the walk start. Sachin waves the tricolour, his wife and kids next to him and his team-mates behind. It’s a leisurely walk but the photographers are clamoring in front of him. It’s an army.
Now the special moment. Kohli and Dhoni haul him up on their shoulders! He continues to wave the flag. Memories of April 2, 2011, when India lifted the World Cup right here at the Wankhede.
The entourage slowly complete the lap. The chants of “Saachiin Saachiin” will never cease. The lap’s done. Sachin’s back on his feet. People surround him. If you look closely, somewhere in the middle you might spot him. Small in stature maybe, but he has the cricket world at his feet now.
He walks across to the pitch and bends and touches it, one last time.
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विदाई से पहले सचिन के आखिरी बोल……
रवि शास्त्री ने सचिन को बुलाया और उनसे सवाल पूछने के बजाय, उन्हें ही माइक सौंप दिया…
सचिन तेंदुलकर:
दोस्तों प्लीज बैठ जाइए, मैं और भावुक हो जाऊंगा। पूरी जिंदगी मैंने यहीं बिताई है, यह सोचना मुश्किल है कि मेरे इस शानदार सफर का अंत हो रहा है। यूं तो मैं पढ़कर बोलना पसंद नहीं करता लेकिन आज मैंने एक लिस्ट तैयार की है कि मुझे किन लोगों का धन्यवाद करना है।
सबसे पहले मेरे पिता का नाम आता है, जिनकी मृत्यु 1999 में हो गई थी। उनकी सीख के बिना मैं आपके सामने खड़ा ना हो पाता। उन्होंने कहा था कि अपने सपनों के पीछे भागो, राह मुश्किल होगी लेकिन कभी हार मत मानना। आज मैं उनको बहुत मिस कर रहा हूं।
मेरी मां, मुझे नहीं पता कि मेरे जैसे शैतान बच्चे को उन्होंने कैसे संभाला। उन्होंने जबसे मैंने क्रिकेट शुरू किया है, तब से सिर्फ और सिर्फ प्रार्थना की है मेरे लिए।
स्कूल घर से दूर होने के कारण मैं चार साल तक अपने अंकल-आंटी के यहां रुका था। उन्होंने मेरे को खुद के बेटे की तरह संभाला।
मेरे बड़े भाई नितिन ज्यादा बोलना पसंद नहीं करते लेकिन उन्होंने मुझे इतना जरूर कहा कि ‘मुझे पता है कि तुम जो भी करोगे उसमें 100 प्रतिशत ही दोगे।’
मेरा पहला बल्ला मेरे बहन सविता ने मुझे भेंट किया था। वो आज भी मेरे लिए व्रत रखती हैं जब मैं बल्लेबाजी कर रहा होता हूं।
मेरा भाई अजीत, हमनें इस सपने को साथ जिया था। उन्होंने मेरे लिए अपना करियर दांव पर लगा दिया जब वो पहली बार मुझे मेरे पहले कोच रमाकांत आचरेकर के पास ले गए। पिछली रात भी मेरे विकेट को लेकर उन्होंने फोन पर मुझसे बात की। जब मैं नहीं खेल रहा होता हूं तब भी हम खेलने की तकनीक के ऊपर बात कर रहे होते हैं। अगर यह ना होता तो मैं वो क्रिकेटर ना होता जो आज बन पाया हूं।
सबसे खूबसूरत चीज जो जीवन में हुई वो थी जब 1990 में मैं अंजलि से मिला। मुझे पता है कि एक डॉक्टर होने के नाते उसके सामने एक बड़ा करियर था लेकिन उसने फैसला लिया कि मैं क्रिकेट खेलता रहूं और वो बच्चों व घर का ध्यान रखेंगी। धन्यवाद अंजलि, हर उस अजीब बातों के लिए जो मैंने की।
फिर मेरे जीवन के दो अनमोल हीरे, सारा (बेटी) और अर्जुन (बेटा)। मैं तुम लोगों के कई जन्मदिन और छुंिट्टयों से चूक गया। मुझे पता है कि पिछले 14-16 सालों में मैं तुम लोगों को ज्यादा वक्त नहीं दे पाया, लेकिन वादा करता हूं कि अगले 16 तो जरूर तुम्हारे साथ रहूंगा हर पल।
मेरे ससुराल के लोग, मैंने उनके साथ काफी बातें साझा की हैं। जो एक चीज उन्होंने मेरे लिए सबसे खास की, वो थी मुझे अंजलि से शादी करने देना।
पिछले 24 सालों में मेरे दोस्तों का योगदान व समर्थन भी अद्भुत रहा। वो मेरे साथ हर वक्त थे जब मैं दबाव में था। वो मेरे साथ रात को 3 बजे भी थे जब-जब मुझे चोट लगी। मेरा साथ देने के लिए धन्यवाद।
मेरा करियर शुरू हुआ जब मैं 11 साल का था। मैं इस बार स्टैंड्स पर आचरेकर सर (पहले कोच) को देखकर बहुत खुश हुआ। मैं उनके साथ स्कूटर पर बैठकर दिन में दो-दो मैच खेला करता था। वह सुनिश्चित करते थे कि मैं हर मैच खेलूं। वो कभी मुझे यह नहीं कहते थे कि तुम अच्छा खेले क्योंकि वो नहीं चाहते थे कि मैं हवा में उड़ने लगूं। सर अब आप ऐसा कर सकते हैं क्योंकि अब मैं नहीं खेलने वाला।
मैंने अपने करियर की शुरुआत यहीं मुंबई से की थी। मुझे याद है न्यूजीलैंड से सुबह 4 बजे लौटकर अगले दिन यहां रणजी मैच खेलना कैसा अनुभव था। बीसीसीआइ भी मेरे करियर के शुरुआत से गजब की समर्थक रही और मैं अपने चयनकर्ताओं को भी धन्यवाद देना चाहता हूं। आप लोगों ने हमेशा सुनिश्चित किया कि मेरा पूरा ख्याल रखा जाए।
सभी सीनियर क्रिकेटरों को धन्यवाद जो मेरे साथ खेले। सामने स्क्रीन पर आप राहुल, वीवीएस और सौरव को देख सकते हैं, अनिल (कुंबले) यहां नहीं हैं अभी। सभी कोचों को भी धन्यवाद। मुझे हमेशा याद रहेगा वो पल जब इस मैच के शुरू होने से पहले एमएस धौनी ने मुझे 200वें टेस्ट की टोपी भेंट की।
मेरा टीम को एक संदेश भी था- हमें गर्व होना चाहिए कि हम भारत के लिए खेल रहे हैं। मैं चाहूंगा कि आप सम्मान के साथ देश को गौरवान्वित करते रहें। मुझे पूरा भरोसा है कि आप देश की सेवा सही भावना से हमेशा करते रहेंगे।
मैं अपने फर्ज से चूक जाऊंगा अगर मैंने अपने डॉक्टरों को धन्यवाद नहीं किया। उन्होंने मुझे हमेशा फिट रखने की कोशिश की। मैंने बहुत चोटें खाईं लेकिन किसी भी समय वो मेरे लिए हाजिर रहे।
मैं अपने चहेते दोस्त स्वर्गीय मार्क मैस्करैन्हस को धन्यवाद कहना चाहता हूं। मैं उन्हें बहुत मिस करता हूं। मैं अपने मौजूदा मैनेजमेंट गु्रप को भी शुक्रिया कहूंगा जिन्होंने मार्क के काम को जारी रखा और मैं अपने दोस्त व मौजूदा मैनेजर विनोद नायुडू को भी धन्यवाद कहना चाहता हूं जो पिछले 14 सालों से लगातार मेरे साथ हैं।
मैं मीडिया को धन्यवाद कहना चाहता हूं, जिन्होंने मुझे मेरे स्कूल के दिनों से अब तक कवर किया। उन्होंने मुझे बहुत समर्थन दिया और आज भी कर रहे हैं। सभी फोटोग्राफर्स को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मेरे हर खास पल को कवर किया।
मुझे पता है मेरा भाषण कुछ ज्यादा लंबा हो गया है (फैंसने एक साथ चिल्लाते हुए कहा, नहीं, हमें और चाहिए)। मैं उन सभी लोगों को शुक्रिया कहना चाहता हूं जो दुनिया के हर कोने से आते हैं। मैं अपने दिल से सभी फैंस को धन्यवाद कहना चाहता हूं। एक चीज जो मेरी आखिरी सांसों तक मेरे कान में गूंजती रहेगी वो है ‘सचिन, सचिन’।
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